Thursday, December 1, 2016

बंदरों के हाथ में , परमाणु बम है -सतीश सक्सेना

झूठ,मक्कारी, दिखावे भी न कम है,
सौ करोड़ों को नचाने का भी दम है !

ध्यान लोगों का न घोटालों पे जाए
ये बताओ खूब कि खतरे में हम हैं !

दुश्मनी से देश को खतरा तो है पर 
वोट बरसेंगे जभी खतरे में जन है !

धन कुबेरों के लिए , खोले खजाने
इन ग़रीबों के लिए तो आँख नम है !

हो सके तो देश अपने को बचा लो
बंदरों के हाथ में , परमाणु बम है !

4 comments:

  1. पन्ने भर जायेंगे लेकिन
    ये बाज नहीं आयेंगे ।

    :)

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  2. सच्ची बात अच्छी ग़ज़ल

    ReplyDelete
  3. गए चुनाव गढ्ढे में,,,,

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  4. बहुत विचारोत्तेजक और साहसी रचना !

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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