Saturday, March 28, 2015

ऐसे भी कहाँ देश में ईमान मिलेंगे - सतीश सक्सेना

हर मोड़ पर खोये हुए ईमान मिलेंगे !  
चेहरा लगाए संत का शैतान मिलेंगे !

शुरुआत में ऐसे बड़े भुगतान मिलेंगे 
धनवानों  के भेजे हुए तूफ़ान मिलेंगे !

नाले में आ गये हो ज़रा देखभाल के
चारो ही ओर, खूंख्वार श्वान मिलेंगे !

बेईमान लालची ही, तुम्हें लोग कहेंगे  
सारे पढ़े लिखों से,यह प्रमाण मिलेंगे !

धनवान,मीडिया दलाल साथ साथ हैं,
चोरों के शहर में बड़े,अपमान मिलेंगे !

12 comments:

  1. बहुत खूब कहा है सक्सेना जी

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  2. सही चेतावनी अरविंद केजरीवाल जी को। शिखर पर कोई दोस्त कहां होता है।

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  3. शायद आने वाला समय बतायेगा कौन सच कौन झूठ ... पर आपकी लाजवाब कलम से कमाल का गीत निकला है सतीश जी ... बधाई ...

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  4. ये तो आने वाला वक्त बतायेगा कौन सच्चा है कौन झूठा ... पर आपकी लाजवाब कलम से कमाल का गीत निकला है ... बधाई सतीश जी ...

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  5. सही चेताया है ....

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  6. सही चेताया है ....

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  7. धनवान,मीडिया दलाल साथ साथ हैं
    चोरों के देश में बड़े अपमान मिलेंगे !
    ...बिलकुल सही कहा है...बहुत सुन्दर और सटीक ....

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  8. अगर अन्यथा न ले तो मेरा ऐसा मानना है कि दूसरे के गलत होने से अधिक उनपर किया गया हमारा विश्वास गलत होने का अधिक दुःख देता है हमें सो कभी कभी हमारे विश्वास को भी टटोलना जरुरी हो जाता है सतीश जी, सभी पढ़े लिखे गलत भी नहीं हो सकते :) !

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    1. जहाँ सौ में से निन्यानवें "क्या फ़ायदा" वाक्य को चलते फिरते, बच्चों के साथ रोज उपयोग करते हों , वहां काव्य का यह अविश्वास , विश्सनीय है ! अगर समय मिले तो पढियेगा !
      http://satish-saxena.blogspot.in/2014/12/blog-post_29.html

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  9. सच है इंसान बेईमान श्वान ही बनते हैं ,नहीं तो श्वान भला बेईमान--क्या शानदार अभिव्यक्ति।

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  10. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति द्वारा सुंदर कटाक्ष.

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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