Sunday, November 2, 2014

ये नेता रहे तो , वतन बेंच देंगे - सतीश सक्सेना

ये नेता रहे तो , वतन  बेंच देंगे !
ये पुरखों के सारे जतन बेंच देंगे

कलम के सिपाही अगर सो गए
हमारे मसीहा , अमन बेंच देंगे !

कुबेरों के कर्ज़े लिए शीश पर ये 
अगर बस चले तो सदन बेंच देंगे

नए राज भक्तों की इन तालियों
के,नशे में ये भारतरतन बेंच देंगे

मान्यवर बने हैं करोड़ों लुटाकर
उगाही में, सारा वतन बेंच देंगे !

16 comments:

  1. बहुत बढ़िया !!
    ये नेता जो करें वो कम.....

    सादर
    अनु

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  2. नेता तो एक होता है
    ऊपर से बैठा होता है
    साथ में एक कबीला होता है
    बहुत बड़ा ही एक पेड़ होता है
    पेड़ जैसे भगवान होता है
    जड़ों मे शैतान होता है

    बहुत सुंदर
    कितना लिखोगे लिखते रहोगे
    जितना लिखो बहुत ही कम होता है ।

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  3. "अगर बस चले तो" "सारा वतन बेंच देंगे"
    रकदम सही आंकलन !

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  4. बेच देंगे, क्या बेच ही रहे हैं ....

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  5. बेहतरीन लेखन , सर धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
    आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 3 . 11 . 2014 दिन सोमवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !

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  6. बहुत सुन्दर रचना

    ये नेता रहे गर चमन बेंच देंगें
    धरा बेंच देंगे गगन बेंच देंगें
    बचा लो मुल्क की आबरू दोस्तों
    इनकी चली तो कफ़न बेंच देंगें

    अज़ीज़ जौनपुरी

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  7. "गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे, चमन बेच देंगे, सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे"

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  8. ये नेता रहे तो , वतन बेंच देंगे !
    ये पुरखों के सारे जतन बेंच देंगे
    सही कहा है , सटीक रचना !

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  9. बहुत गहरी, बहुत प्रभावी पंक्तियाँ ... चिंता की झलक साफ़ नज़र आ रही है हर शेर में ...
    पर कुछ हो सके तो बात बने ...

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  10. देशप्रेम के नाम पर स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं ये नेता …चिंता का विषय है

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  11. बेचने का गुर जानते हैं,पहले अपने स्वाभिमान को बेचें---उसके बाद बचता क्या है ---क्या खूब

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  12. हम तो बस इंतजार कर सकते हैं कब वे बेचे
    बेहद खुबसूरत रचना

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  13. नए राज भक्तों की इन तालियों
    के,नशे में ये भारतरतन बेंच देंगे

    मान्यवर बने हैं करोड़ों लुटाकर
    उगाही में, सारा वतन बेंच देंगे !

    such ko ujagar karti bahut sahi.

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  14. बहुत खूब , सत्य वचन

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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