Tuesday, October 14, 2008

एक पिता का ख़त पुत्री के नाम !(अंतिम भाग ) - सतीश सक्सेना

परनिंदा और कटु शब्दों का
बेटी त्याग हमेशा करना !
संयम रख अपनी वाणी पर  
घर में कभी अनर्थ न करना
अगर क्रोध में सौम्य रहीं तो,
बेटी साध्वी बनी रहोगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्हीं रहोगी !

ऐसा कोई शब्द ना बोलो
दूजा मन आहत हो जाए
तेरी जिह्वा की लपटों से
अन्य ह्रदय घायल हो जाए
चारों धामों पर जाकर भी,
मन में शान्ति नही पाओगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी ,घर की रानी तुम्हीं रहोगी !

कभी न भूलो बेटी ! तुमने ,
जन्म लिया है मानव कुल में
कुछ विशेष वरदान हमारे ,
कुल को दिए विधाता ने ,
ज्ञान असीमित लेकर बेटी, 
तुम भविष्य निर्माण करोगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी ,घर की रानी तुम्हीं  रहोगी !

ज्ञान तुम्हारा सार्थक होगा
घर बाहर दोनों जगहों में
आशीषों के ढेर लगेंगे ,
जब परिवार तुम्हारे में !
परहित साधक बनो लाडली,
पूरी तभी साधना होगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्हीं रहोगी !

वाद विवाद जन्म देता है ,
पति पत्नी के मध्य कलह को
गृह विनाश का बीज उखाड़े 
नही उखड़ता है, जमने पर !
ऋषि मुनियों के दिए मौन से
क्रोधित मन काबू पाओगी ! 
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्हीं  रहोगी !

मौन अस्त्र से गौतम जीते
अंगुलिमाल झुक गया आगे
मितभाषी गांधी के आगे ,
झुका महा साम्राज्यवाद भी
हर विरोध शर्मिंदा होगा,
अगर मौन को तुम परखोगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्हीं रहोगी !

याद रहे द्रोपदी सरीखी !
वाचालता कभी न आए
उतना बोलो , जितना
आवश्यक मंतव्य बताने को
तेज बोलने वाली नारी ,
आदर कभी नही पायेगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्हीं  रहोगी !

इतना प्यारा जीवन साथी 
पुत्री धन्य हुईं तुम पाकर 
शायद तेरे निर्मल मन ने 
जीता ह्रदय विधाता का ,
निश्छल मन और गहन समर्पण,
बेटी जीत तुम्हारी होगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी , राज कुमारी तुम्हीं  लगोगी  !

13 comments:

  1. अगर मेरी बेटी होती तो यही शिक्षा मै उसे देता, बहुत खुब , एक अच्छी कविता लिखई है आप ने, हमै अपने इस समाज से बुराईया हटनी है, ओर एक साफ़ समाज बनाना है, अगर हम सब मिल कर यह कार्य करेगे तो हमारा समाज सच मै एक उच्च समाज होगा, ओर हमारे बच्चो का वर्तमान उज्ज्वल होगा,
    मेरे बच्चो की बहूं भी मेरी बेटी ही होगी.
    सतीश जी आप का धन्यवाद इस सुनदर कविता के लिये

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  2. Bahut badiya, har sabd me sandesh chipa hai, aabhr.

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  3. सतीश जी,

    किसने किसका दिल पहचाना
    कौन ह्रदय की भाषा जाने ?
    किसने देखा है ईश्वर को ?
    किसका पेट भरा बातों से ?
    जो सोंचा है करके दिखाओ , सारी श्रष्टि तुम्हारी होगी !
    पहल करोगी अगर नंदिनी घर की रानी तुम्ही बनोगी !

    बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं। भाव से परिपूर्ण।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  4. बहुत गजब...बेहतरीन और अति सुन्दर!!

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  5. मौन अस्त्र से गौतम जीते
    अंगुलिमाल झुक गया आगे
    मितभाषी गांधी के आगे ,
    झुका महा साम्राज्यवाद भी
    क्रोधित मन शर्मिंदा होगा , अगर मौन को तुम परखोगी !
    पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी !
    आपने इस श्रंखला में बहुत ही बेहतरीन रचनाएं लिखी हैं ! इस बार भी हमेशा की तरह बहुत ही सौम्य और सीख देती कविता लिखी है ! बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं !

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  6. उपरोक्त कविता २० वर्ष पहले लिखी गयी थी, मुझे आशा थी की समान विचारों वाले लोग इसे पसंद करेंगे.सो आप लोगों के आगे, मूल रूप में बिना किसी सूधार के प्रस्तुत कर दी गयी है !

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  7. याद रहे द्रोपदी सरीखी !
    वाचालता कभी न आए
    उतना बोलो , जितना
    आवश्यक मंतव्य बताने को
    तेज बोलने वाली नारी, श्रद्धा कभी नही पायेगी !
    पहल करोगी अगर नंदिनी, घर की रानी तुम्ही रहोगी
    "bhut sach or srathak likha hai, each word is deep penetrating into the heart and making me emotional while reading, shayad sbhee parents yhee chahteyn honge..."

    Regards

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  8. सतीश जी कविता पढ़ी और साथ ही आपका कमेंट भी की ये २० साल पहले लिखी गई थी। सही शिक्षा। बहुत खूब। आभार।

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  9. किसने किसका दिल पहचाना
    कौन ह्रदय की भाषा जाने ?
    किसने देखा है ईश्वर को ?
    किसका पेट भरा बातों से ?
    जो सोंचा है करके दिखाओ , सारी श्रष्टि तुम्हारी होगी !
    पहल करोगी अगर नंदिनी घर की रानी तुम्ही बनोगी !
    मैंने आपके सरे पात्र पढ़े हैं. इन सुंदर पत्र आपने लिखे हैं बेटी के नाम. अभिभूत कर दिया. बधाई स्वीकारें.

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  10. यह एक जागरूक पिता का सन्देश उस प्रत्येक पुत्री के लिए है जो जीवन में श्रेष्ठ पुत्री,बहु, माँ बनना चाहती है. आपने नारीत्व के सभी गुणों का उल्लेख एक पिता बन कर किया है......अति सुन्दर.........प्रेरणास्पद और भावों से ओत-प्रोत है.
    भानु सिंह भाटी
    9982314400

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  11. यह एक जागरूक पिता का सन्देश उस प्रत्येक पुत्री के लिए है जो जीवन में श्रेष्ठ पुत्री,बहु, माँ बनना चाहती है. आपने नारीत्व के सभी गुणों का उल्लेख एक पिता बन कर किया है......अति सुन्दर.........प्रेरणास्पद और भावों से ओत-प्रोत है.
    भानु सिंह भाटी
    9982314400

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  12. जो पिता ऐसी सीख देंगे - उनकी बेटी का जीवन स्वर्ग सा ही होना चाहिए | :)

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  13. हमारे पास तो शब्द ही नहीं है आपकी ममतामई लेखनी के लिए जी 🙏 एक पिता होकर भी आपने ब्रह्मा विष्णु महेश सभी भगवान के अवतारों का वर्णन एक बेटी को अपने दिल से लिखें खत में समर्पित कर दिया है जी 🙏 बहुत बहुत बधाई है और धन्यवाद जी 🙏

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एक निवेदन !
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- सतीश सक्सेना

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